(हर शनिवार को करें ये आसान उपाय और देखें फर्क)
अगर आपकी कुंडली में शनि 1, 4, 5, 7, 8, 11 या 12वें भाव में स्थित हैं, और आप इस समय शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़े साती या ढैय्या से गुजर रहे हैं, तो संभव है कि जीवन में कई तरह की चुनौतियाँ और कष्ट सामने आ रहे हों।
शनि को न्याय का देवता कहा जाता है — वो आपके कर्मों का सटीक हिसाब लेते हैं। जब शनि आपके उपरोक्त भावों में आते हैं, तो वे आपके प्रारब्ध (past karmas) के आधार पर जीवन में कसौटियाँ लाते हैं — मानसिक तनाव, आर्थिक दबाव, रिश्तों में खटास या करियर में रुकावटें।
लेकिन घबराइए नहीं — शनि की कृपा पाने के लिए एक छोटा सा, सीधा और बेहद असरदार उपाय है जिसे आप हर शनिवार कर सकते हैं।
🪔 उपाय क्या है?
हर शनिवार की रात सोने से पहले, अपने दाहिने पैर के अंगूठे के नीचे की ओर (नीचे तलवे की ओर) काजल (काला सुरमा) लगाएं।
👉 यह उपाय अत्यंत रहस्यमय और अद्भुत फल देने वाला है।
यह शनि की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करता है और उन्हें कृपा में बदलने की क्षमता रखता है।
🔍 क्यों काम करता है ये उपाय?
शनि आँखों, पैरों और कर्म से जुड़े ग्रह हैं।
पैरों का अंगूठा विशेष रूप से शनि तत्त्व से जुड़ा होता है।
जब आप उस स्थान पर काजल लगाते हैं, तो वह आपके भीतर फैली शनि की विषमता को शांत करता है और जीवन में धीरे-धीरे सकारात्मक परिवर्तन आने लगता है।
🧘♂️ ध्यान रखें ये बातें:
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यह उपाय प्रत्येक शनिवार रात करें, खासकर अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या पर तो अवश्य।
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काजल शुद्ध हो — बाजार में उपलब्ध आयुर्वेदिक काजल या गाय के घी से बना हो तो और अच्छा।
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साथ में शनि मंत्र का जप करें:
"ॐ शं शनैश्चराय नमः" — 108 बार
💬 अनुभव बोलते हैं...
कई साधकों ने इस उपाय को कर अपने जीवन में शांति, राहत और स्थिरता महसूस की है। यह छोटा सा कदम, शनिदेव को प्रसन्न करने की ओर एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है।
🕉️ शनि देव की कृपा आप पर सदा बनी रहे!
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जय शनिदेव! 🙏
📝 लेखक नोट:
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में शनि किस भाव में हैं, या साढ़े साती/ढैय्या कब शुरू होगी या खत्म — तो आप अपनी वैदिक कुंडली बनवाएं और शनि के गोचर की जानकारी पाएं।